वर्णमाला किसे कहते हैं क,ख,ग,घ वर्णमाला |How many alphabets in hindi
क,ख,ग,घ वर्णमाला किसे कहते हैं (how many alphabet in Hindi) class 1, 2, 3,4,5 में हिंदी वर्णमाला में वर्ण, स्वर व्यंजन, मात्रा, शब्द, अक्षर और बाराखडी के प्रश्न पूछे जाते हैं
वर्णमाला किसे कहते हैं?
वर्णमाला का शाब्दिक अर्थ- वर्ण + माला=वर्णमाला, अर्थात वर्ण की माला,
जिन अलग-अलग हिंदी वर्णो एक साथ मिलाकर बोला या लिखा जाता है उस वर्ण व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं
वर्ण किसे कहते हैं?
हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई जिसे ध्वनि कहते हैं इस ध्वनि को वर्ण भी कहा जाता है हिंदी में वर्ण की संख्या 52 है। इसमें 11 स्वर ,35 व्यंजन, चार संयुक्त व्यंजन होते हैं।
क,ख,ग,घ वर्णमाला मे कितने वर्ण/अक्षर होते हैं?
मात्रा किसे कहते हैं?
किसी वर्ण को बोलने मे जो समय लगता है उसे मात्रा कहते हैं मात्रा स्वर का एक अंग है व्यंजनों को बोलने के लिए स्वर की सहायता लेनी पड़ती है बिना स्वर के व्यंजनों को नहीं बोला जा सकता है हिंदी वर्णमाला मे मात्राओं की संख्या 10 है छोटे अ की अपनी कोई मात्रा नहीं होती है।
दो या दो से अधिक वर्णो का ऐसा समूह जिससे किसी निश्चित
अर्थ की अभिव्यक्ति होती है उसे शब्द कहते हैं। शब्द,वर्णो के मेल से बनते हैं।
2 अक्षर वाले शब्द उदाहरण-
- नल दस कट
- कल नग टल
- फल बच जस
- जल लय जट
- फल सर इन
- धन जप तर
- तल गप हर
- पल तड़ पक
- शव नस पग
- बस रज बन
- खग क्षर रख
- हर प्रण बक
- बस जय जब
- मन भय भज
- कप रम घट
- रथ तप लट
- डर दल लव
- घर झर कश
- थक जन गण
- जल बम ॠण
- गज दर मग
- कब कम कट
- जन तज चढ़
- तक मल वस
- गर छप कब
- नथ हक मर
- दम पढ़ यश
- ढंग लट हस
- ख़ नप नर
- नथ पंच रण
- उठ रट हक
- शक सज पत्र
- रन चट घर
- एक वह बल
- टक कर यज्ञ
- घन भर ढक
- लड़ कस सब
- रस छत अब
- ठग पथ धक
- ग़म चख फन
3 अक्षर वाले शब्द उदाहरण-
- अमर चरण नरक
- सड़क आकर गजब
- धड़क अमल जगह
- जलन दशक कपट
- गबन गठन खनन
- करण लपट रहम
- झटक लखन नजर
- शहर शपथ बतख
- जकड़ रमन तपन
- वजन अगर मगर
- मटर लहर भवन
- ठहर लटक पटक
- नमन खबर शहद
- बहस चमच पकड़
- झड़प कमर सफर
- कलश कड़क मटक
- नमन भजन सफल
- पहर चहक महक
- नरम बहन बटन
- गरज चमन नमक
- घटक अरब खरब
- झटक सहन सरल
- इधर कड़क पलक
- उधर तखत गरम
- जलज भजन बरस
- समझ चमक नहर
- पलट गलत गमन
- भरत झलक छलक
- चरम जतन जहर
- सरस उधर कदर
- परख फसल समर
- अचल पवन चरण
- लखन उलट चटक
- नकल वरण गगन
- रगड़ गलत समय
- मगन महल पहल
- कपट मटर समझ
- लखन ननद कमल
- दमन परम असल
- जनक अमर अलख
- ग़दर नवल वचन
- कवच असर उमड़
- मलग कदम असम
- पतन कसम कथन
- सबक अभय शरण
- दमक सयम अचल
- भगत जतन करम
- नयन अजय अजब
- कहर अमर असर
- चपल चलन जगत
- तलब टपक नगद
- अलग कसर तरक
हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन-
स्वर-
जिन वर्णों का उच्चारण मुख से आसानी के साथ लिया जा सकता है उसे स्वर कहते हैं।
उदाहरण-अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ
स्वर कितने प्रकार होते हैं
स्वर तीन प्रकार के होते हैं
हस्य स्वर्ग-
जिन सुरों का उच्चारण करने में कम समय लगता है उसे हंसकर कहते हैं
दीर्घ स्वर-
जीन स्वरों का उच्चारण करने में अधिक समय लगता है उसे दीर्घ स्वर कहते हैं
उदाहरण- आ,ई,ऊ,एक,ऐ,ओ,औ,आं
प्लुत स्वर-
जिन स्वरों का उच्चारण करने में दीर्घ स्वर से अधिक समय लगता है उसे प्लुत स्वर कहते हैं।
व्यंजन किसे कहते हैं।
जिन व्यंजन वर्णों का प्रयोग बिना स्वर की सहायता से नहीं किया जा सकता है अर्थात जिन वर्ण का उच्चारण स्वर वर्ण की सहायता से होता है। व्यंजन क से लेकर ज्ञ तक के वर्ण व्यंजन वर्ण होते हैं व्यंजनों वर्ण की संख्या 45 होती है।
उदाहरण-क,ख,ग,घ,च,छ,ज,झ,ट,ठ,ड,ढ,ण,तो,थ,द,ध,न,पर,फ,ब,भ,म,य,र,ल,व,श,ष,स,क्ष,त्र,ज्ञ
स्पर्श व्यंजन-
जिन व्यंजन वर्ण बोलने में तालु, मूर्धा, दातों और औंठ के स्थान को छू कर निकलती है उसे स्पर्श व्यंजन कहते हैं
अन्तःस्थ व्यंजन-
जिन व्यंजन वर्णों को बोलने में कंठ, दांत, ओंठ, तालु पूरी तरीके से स्पर्श नहीं होता है केवल आंशिक स्पर्श से ही उच्चारण किया जाता है उसे अंतस्थ व्यंजन कहते हैं हिंदी वर्णमाला में य ,र,ल,व चोर अंतस्थ व्यंजन होते हैं।
उष्म व्यंजन-
जिन व्यंजन वर्ण को बोलने में दांत, ओंठ, तालु हवा के रगड़ से उष्मा/गर्मी निकलती है उन व्यंजन वर्ण को उष्मा व्यंजन कहते हैं वर्णमाला में श,ष,स,है 4 उष्मा व्यंजन होते हैं
संयुक्त व्यंजन-
संयुक्त व्यंजन जब एक से अधिक वर्णों के समूह से मिलकर बनता है उसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं संयुक्त व्यंजन चार क्ष,त्र,श्र,ज्ञ अक्षर होते हैं।
क वर्ग वर्ण-
जो वर्ण (कंठ) जिन अक्षरों को बोलने मैं गले का प्रयोग किया जाता है उसे का वर्ग कहते हैं
च वर्ग वर्ण-
जिन वर्णों के बोलने पर तालु स्पर्श होता है उसे च वर्ग कहते हैं
ट वर्ग वर्ण
ट वर्ग को बोलने में मूर्धा का स्पर्श होता है उसे ट वर्ग कहते हैं
त वर्ग वर्ण
जानवरों को बोलने में दातों का स्पर्श होता है उसे त वर्ग कहते हैं
प वर्ग वर्ण
जिन बड़ों को बोलने में ओंठ का प्रयोग होता है उसे प वर्ग वह कहते हैं।
विसर्ग किसे कहते हैं।
हिंदी वर्णमाला में विसर्ग स्वर के बाद आता है, अः विसर्ग वर्ण कहते हैं इसका प्रतीक चीन्ह ( :) होता है इसको ह वर्ण की तरह बोला जाता है इसका प्रयोग हिंदी लुप्त होता जा रहा है लेकिन संस्कृत में का प्रयोग होता है।
अनुसार किसे कहते हैं।
हिंदी वर्णमाला में अनुस्वर व्यंजन रूप में जाना जाता है और यह वर्णमाला अः वर्ण के पहले आता है अं को अनुस्वर वर्ण कहा जाता है किसके प्रतीक चिन्ह ( ऺ ) होता है
अनुनासिक किसे कहते हैं।
जिन वर्णो को बोलने मुख और नासिका का उपयोग किया जाता है इसे अनुनासिक वर्ण कहते हैं वर्णमाला में ( ॖ ) रूप में जाना जाता है शब्द को बोलने का समय बहुत ही अल्प होता है।
निरनुनासिक किसे कहते हैं।
जिन शब्दों को बोल ले ले केवल मुख का प्रयोग करके उच्चारण किया जाता है उसे नरनुनासिक मोर कहते हैं।
बारहाखड़ी-
- क,का,कि,की,के,कै,को,कौ,कं,कः
- ख,का,खि,खी,खु,,खू,खे,खै,खो,खौ,खं,खः
- ख,गा,गि,गी,गु,गू,गेट,गै,गो,गौ,गं,गः
- घ,घा,घि,घी,घु,घू,घे,घै,घो,गौ,घं,घः
- च,चा,चि,ची,चु,चू,चे,चै,तो,चौ,चं,चः
- छ,छा,छि,छी,छु,छू,छे,छै,छो,छौ,छं,छः
- ज,जा,जि,जी,जु,जूं,जे,जै,जो,जौ,जं,जः
- झ,झा,झि,झी,झु,झू,झे,झै,झो,झौ,झं,झः
- ट,टा,टि,टी,टु,टू,टे,टै,टो,टौ,टं,टः
- ठ,ठा,ठि,ठी,ठु,ठू,ठे,ठै,को,ठौ,ठं,ठः
- ड,डा,डि,डी,डु,डू,डे,डै,डो,गौ,डं,डः
- ढ,ढा,ढि,ढी,ढु,ढू,ढे,ढै,ढो,ढौ,ढं,ढः
- ण,णा,णि,णी,णु,णू,णे,मैं,तो,णौ,णं,णः
- त,ता,ति,ती,तु,तू,ते,तै,तो,तौ,तं,तः
- थ,था,थि,थी,थु,थू,थे,थै,थो,थौ,थं,थः
- द,दा,दि,दी,दु,दू,दे,दै,दो,दौ,दं,दः
- ध,धा,धि,धी,धु,धू,धे,धै,धो,धौ,धं,धः
- न,ना,नि,नी,नु,नू,ने,नै,नो,नौ,नं,नः
- प,पा,पि,पी,पु,पू,पे,पै,पो,पौ,पं,पः
- फ,फा,फि,फी,फु,फू,फे,फै,फो,फौ,फं,फः
- ब,बा,बि,बी,बु,बू,बे,बै,बो,बौ,बं,बः
- भ,भा,भि,भी,भु,भू,भे,भै,भो,भौ,भं,भः
- म,मा,मि,मी,मु,मू,मे,मै,मो,मौ,मं,मः
- य,या,यि,यी,यु,यू,ये,मैं,यो,यौ,में,यः
- र,रा,रि,री,रु,रू,रे,रै,रो,रौ,रं,रः
- ल,ला,लि,ली,लु,लू,ले,लै,लो,लौ,लं,लः
- व,वा,वि,वी,वु,वू,वे,वै,वो,वौ,वं,वः
- स,सा,सि,सी,सु,सू,से,सै,सो,सौ,सं,सः
- श,शा,शि,शी,शु,शू,शे,शै,शो,शौ,शं,शः
- स,षा,षि,षी,षु,षू,षे,षै,षो,षौ,षं,षः
- ह,हा,हि,ही,हु,हू,हे,है,हो,हौ,हं,हः
- ज्ञ,ज्ञा,ज्ञि,ज्ञी,ज्ञु,ज्ञू,ज्ञे,ज्ञै,ज्ञो,ज्ञौ,ज्ञं,ज्ञः
- क्ष,क्षा,क्षि,क्षी,क्षु,क्षू,क्षे,क्षै,क्षो,क्षौ,क्षं,क्षः
- श्र,श्रा,श्रि,श्री,श्रु,श्रू,श्रे,श्रै,श्रो,श्रौ,श्रं,श्रः
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