Season essay in Hindi। भारतीय ऋतुओं पर निबंध
Season eassy in Hindi (भारतीय ऋतु पर निबंध) class 4 5 6 7 8 9 10 exam निबंध summer, rainy, winter season eassy लेखने को आता है जिसके लिए 5 से 10 अंक निर्धारित हैं।
विश्व अन्य देशों में केवल तीन ऋतु होती है, लेकिन भारतीय भौगोलिक स्थिति के कारण भारत में 6 ऋतु होती है भारत कर्क रेखा के बीच स्थित है ।
भारत में 6 ऋतुएं होती है।
- spring season/बसंत ऋतु
- summer season/ग्रीष्म ऋतु
- rainy season/वर्षा ऋतु
- Autuman season/शरद ऋतु
- pre winter season/हेमंत ऋतु
- winter season/शीत शिशिर ऋतु
Spring season को ऋतुराज भी कहा गया है, basant Ritu भारत में फरवरी महीना से मार्च महीने तक रहती है बसंत ऋतु शीत ऋतु के बाद जनवरी महीने की बाद आगमन करती है यह बहुत ही सुहानी और सुखमय ऋतु होती है चारों तरफ हरियाली और पेड़-पौधे फल फूलो से हरे-भरे हो जाते हैं।
बसंत ऋतु में ना तो ज्यादा सर्दी होती है और ना ही ज्यादा गर्मी पड़ती है वातावरण के चारों ओर सौंदर्य और सुगंध का वातावरण छाया होता है बसंत ऋतु में पुष्पा तथा फूलों पर तितलियां और भंवरे मंडराने लगते हैं पेड़ों पर पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देने लगती है।
बसंत ऋतु में मकर संक्रांति(खिचड़ी), लोहड़ी, सकट, होली आदि त्योहार मनाए जाते हैं।
Summer season बसंत ऋतु के बाद आती है grishma Ritu भारत में अप्रैल से शुरुआत होकर जून तक लगभग 4 महीने तक रहती है।
इन 4 महीनों में भयंकर गर्मी पड़ती है इसके अलावा अत्यधिक तेज धूप तथा लूं से वातावरण गर्म होता है कुंए तालाब नदी का जलस्तर घटने लगता है अतः कुछ नदी तालाब कुएं सूख भी जाते हैं। ग्रीष्म ऋतु मे पेड़ पौधेे भी सूख जाते हैं।
ग्रीष्म ऋतु से अत्यधिक तपिश होने से जनजीवन प्रभावित हो जाता है असहनीय धूप और लू के कारण लोगो, बुजुर्ग, बच्चों सभी का बाहर जाना जैसे ऑफिस स्कूल में जाने बहुत ज्यादा कष्ट होता है इसी कारण से विद्यालयों की छुट्टियां कर दी जाती है।
भारत में ग्रीष्म ऋतु का एक अपना ही अलग महत्व है इस ऋतु में भयंकर तपन होने के बाद भी इसका मतलब यह नहीं है ग्रीष्म ऋतु कोई महत्व नहीं है जितनी अधिक गर्मी पढ़ती है किसानों के लिए उतना ही अच्छा होता है क्योंकि बिना गर्मी के फसल भी नहीं पक सकती है।
गर्मी के मौसम में,हम हल्के कपड़े पहनते हैं। वे कॉटन या टेरी कॉट के कपड़े पहनते हैं गर्मी के मौसम दिन लंबे होते हैं। गर्म हवाएँ चलती हैं। हम हर दिन धूल भरी आंधी देखते हैं। यह बरसात के मौसम का मार्ग प्रशस्त करता है।
ग्रीष्म ऋतु में भारत के कई मैदानी क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी पड़ती है वहीं रेगिस्तानी क्षेत्र राजस्थान में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है ग्रीष्म ऋतु ज्यादा गर्मी पड़ती है तो बरसात भी अधिक होती है जोकि फसल के अधिक उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है।
ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी तथा लू चलने के कारण विषैले कीड़े मकोड़े मच्छर, मक्खी आदि मर जाते हैं ग्रीष्म ऋतु में आम, लीची स्वादिष्ट फल भी आते हैं इस ऋतु में खरीफ की फसल भी आती है। जैसे चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा मूंगफली, उड़द, सोयाबीन इत्यादि
Rainy season भारत में ग्रीष्म ऋतु के बाद आती है varsha Ritu जुलाई से सितंबर तक रहती है गर्मी में धीरे धीरे कम होने लगती है इस मौसम में हमें रेनकोट और छतरी वर्षा से बचने के लिए प्रयोग करते हैं और चारों तरफ का वातावरण सुहाना हो जाता है आकाश में बादल घेर लेते हैं मौसम की पहली बरसात से पेड़ पौधे फल फूल खिल उठते हैं चारों तरफ हरियाली हो जाती है।
बरसात के मौसम में किसानों के चेहरे खिल उठते हैं वर्षा की पहली बूंद के साथ किसानों की फसल लहलहा उठती है सही समय पर अच्छी वर्षा से फसल की ज्यादा पैदावार बढ़ जाती है जिससे किसानों को अत्यधिक फायदा होता है और फल सब्जी के दाम भी कम हो जाते हैं।
वर्षा ऋतु से कई परेशानियां भी होती हैं इस ऋतु के आती है कीड़े मकोड़े मक्खी मच्छर अन्य जीवो की संख्या एकदम से बढ़ जाती है जिससे कि कई बीमारियां फैलती है जैसे बुखार, जुखाम, पेचिश, टाइफाइड, उल्टी इत्यादि बीमारियों से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है बरसात के मौसम में इन बीमारियों से बचने के लिए हम एक कहीं भी जलभराव होन नहीं देना चाहिए।
घर के आस-पास टूटे-फूटे बर्तन बाल्टी, प्लास्टिक के सामान, गाड़ी के टायर इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए घर मैं कूलर के पानी को समय-समय पर बदलना चाहिए, पीने के पानी को ढक कर रखना चाहिए।
वर्षा ऋतु में अन्य प्राकृतिक आपदाएं भी आती है ज्यादा बरसात होने से बाढ़ आ जाती है लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है किसानों के खेत और उनकी फसलें बर्बाद हो जाती है उनके द्वारा पाले मवेशी मर जाते हैं चारों तरफ जल ही जल दिखाई देता है शहरों में सड़कें, पुल तथा बांध टूट जाते हैं।लेकिन बरसात के बिना जीवन संभव भी नहीं है क्यों क्योंकि जल ही जीवन है।
वर्षा ऋतु धरती की प्यास बुझाती है और पृथ्वी को नया जीवन देती है, वातावरण सुखमय होता है इस मौसम में मकर संक्रांति रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, तीज त्योहार मनाए जाते हैं वर्षा ऋतु मुझे बहुत पसंद है।
Autuman season भारत में वर्षा ऋतु के बाद आती है Sharad Ritu अक्टूबर से नवंबर तक रहती है वर्षा ऋतु धीरे-धीरे चली जाती है बरसात के मौसम के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है इस मौसम में अधिक सर्दी नहीं पड़ती है शरद ऋतु आते ही बरसात से हमें छुटकारा मिलता है।
शरद ऋतु के आते ही वातावरण में हल्की ठंडक का अहसास होने लगता है पेड़ पौधों फल फूल एक नई ऊर्जा का संचरण होता है दिन में जहां हल्की ठंडक होती है वही रात ओस गिरने लगती है शरद ऋतु आते ही वातावरण की तपिश कम होने लगती है चारों तरफ हरियाली सुखमय वातावरण होता है।
Pre winter भारत में वर्षा ऋतु के बाद आती है hemant Ritu दिसंबर से जनवरी तक रहती है शरद ऋतु के बाद धीमे धीमे ठंड बढ़ती है और हेमंत ऋतु का आगमन होता है हेमंत ऋतु के आने तक वातावरण में ठंड बढ़ जाती है।
हेमंत ऋतु आने पर अत्यधिक ठंड पड़ने लगती है पहाड़ी क्षेत्र में बर्फ गिरने लगती है तथा इस बार के जलने पर मैदानी क्षेत्रों में शीत लहर के साथ ठंड पड़ने लगती है भारत के श्रीनगर लद्दाख क्षेत्र में पारा जीरो डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है।
हेमंत ऋतु शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म ऊनी कपड़े पहनने पड़ते हैं और गर्म पानी से नहाने के लिए प्रयोग किया जाता है इस मौसम में ठंड से लोगों ठिठुरन लगते हैं हेमंत ऋतु स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छी है हेमंत ऋतु में लोग तरह-तरह के गरमागरम पकवान जैसे चाय ,कॉफी, पकौड़ी, सूप गर्म सेवन करते हैं।
हेमंत ऋतु में सुबह जल्दी उठकर घरों की छतों पर योगासन, व्यायाम, प्राणायाम आदि करते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है हेमंत ऋतु में दिन छोटे तथा रातें बड़ी होती है।
Winter season भारत में हेमंत ऋतु के बाद आती है शीत ऋतु जनवरी से फरवरी तक रहती है शीत ऋतु में भयंकर ठंड पढ़ती है शीत ऋतु को शिशिर ऋतु या पतझड़ भी कहते हैं shishir Rituआने पर पेड़ों के पत्ते गिरने लगते हैं और शाम के समय से ही कोहरा छाने लगता है।
शिशिर ऋतु अत्यधिक बर्फबारी होती है जिससे सड़के तथा नेशनल हाईवे जाम हो जाते हैं लोगों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है परिवहन संचार सेवाएं ठप हो जाती है पहाड़ी क्षेत्रों बर्फ की चादर से भाग जाते हैं परिवहन सेवा बाधित हो जाती है।
शीत ऋतु में सरकार तथा जनसेवा ट्रस्ट की मदद से सड़कों पर रहने वाले लोगों के लिए अलाव जलाए जाते हैं और रैन बसेरों का इंतजाम किया जाता है ताकि सड़क पर रहने वाले बेघर लोग कष्ट ना हो
शीत ऋतु हमें अत्यधिक कष्ट झेलना पड़ता है चारों तरफ वातावरण में कोहरा और धुंध बढ़ जाती है और इसे विजिबिलिटी घट जाती है जिससे कि सड़कों पर वाहन दुर्घटनाएं होती है शीत ऋतु में धुंध के समय में हमें अपने वाहनों की फाग लाइट जरूर जलानी चाहिए तथा एक उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए।
सभी ऋतुएं हमारे लिए बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर आवश्यक और उपयोगी हैं। इन सभी ऋतुओं का अपना-अपना महत्व है भारतीय में प्रत्येक ऋतु का अपना एक निर्धारित समय है किसी को गर्मी अच्छी लगती है तो किसी को सर्दी, सभी के अपने अपने पसंदीदा ऋतु है मुझे तो बरसात का मौसम बहुत ज्यादा पसंद है यह अत्यंत सुहाना होता है भारत में इसी प्रकार ऋतु चक्र चलता रहता है।
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